स्वर्ण रंग सा इश्क़ सुनहरा, लहराते उन गेहूं सा। स्वर्ण रंग सा इश्क़ सुनहरा, लहराते उन गेहूं सा।
चलो गुलाल लगा रंगमय हो जाएं। गिले-शिकवे सब मन से मिटाएं। चलो गुलाल लगा रंगमय हो जाएं। गिले-शिकवे सब मन से मिटाएं।
मुँह पर दाढ़ी मूछें हैं, सर पर एक पगड़ी है जितने भी दिखे चेहरे, सब थे सरदार होली में। मुँह पर दाढ़ी मूछें हैं, सर पर एक पगड़ी है जितने भी दिखे चेहरे, सब थे सरदार हो...
ये मेरी कुछ बेहिसाब सी कहानी है, बहुत खामोश, पर ऐसी ही ज़िंदगानी है।। ये मेरी कुछ बेहिसाब सी कहानी है, बहुत खामोश, पर ऐसी ही ज़िंदगानी है।।
उफ़... तेरी ये आंखे............. कुछ ना कहकर भी ...... बहुत कुछ कह जाती हैं ........ उफ़... तेरी ये आंखे............. कुछ ना कहकर भी ...... बहुत कुछ कह जाती है...
अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...! अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...!